फॉर्म 16 जारी होने के साथ, कर्मचारी अब आकलन वर्ष (AY) 2024-25 के लिए अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर सकते हैं। ई-फाइलिंग प्रक्रिया जोरों पर है, और करदाताओं को नई और पुरानी कर व्यवस्थाओं के बीच चयन करना होगा। प्रत्येक व्यवस्था अलग-अलग लाभ और कर दरें प्रदान करती है, जिससे यह समझना आवश्यक हो जाता है कि कौन सा विकल्प आपकी वित्तीय स्थिति के लिए सबसे उपयुक्त है।
हाल ही में बजट 2023 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए, आयकर छूट सीमा को 50,000 रुपये बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया। इसके अतिरिक्त, धारा 87A के तहत छूट बढ़ा दी गई है, जिसका अर्थ है कि सालाना 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को नई व्यवस्था के तहत कोई आयकर नहीं देना होगा। इस अपडेट का उद्देश्य कर गणना को सरल बनाना और मध्यम आय वाले करदाताओं को राहत प्रदान करना है। वित्त वर्ष 2023-24 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए आयकर दरें:
आयकर स्लैब (रुपये में) | पुरानी कर व्यवस्था | नई कर व्यवस्था |
---|---|---|
0-2,50,000 | 0% | 0% |
2,50,001-3,00,000 | 5% | 0% |
3,00,001-5,00,000 | 5% | 5% |
5,00,001-6,00,000 | 20% | 5% |
6,00,001-9,00,000 | 20% | 10% |
9,00,001-10,00,000 | 20% | 15% |
10,00,001-12,00,000 | 30% | 15% |
12,00,000-15,00,000 | 30% | 20% |
15,00,000 और उससे अधिक | 30% | 30% |
नोट: वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक आयु) के लिए, पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर में 3,00,000 रुपये तक की छूट है; जबकि सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) के लिए, 5,00,000 रुपये तक की आय पर छूट है।
कर व्यवस्थाओं के बीच मुख्य विशेषताएं और अंतर
नई कर व्यवस्था:
- बढ़ी हुई छूट सीमा: 3 लाख रुपये तक बढ़ाई गई।
- धारा 87A छूट: 7 लाख रुपये तक की आय के लिए उपलब्ध है।
- सरलीकृत कर संरचना: कम कर दरें लेकिन न्यूनतम छूट और कटौती।
- डिफ़ॉल्ट योजना: नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट है जब तक कि पुरानी व्यवस्था को नहीं चुना जाता है।
पुरानी कर व्यवस्था:
- धारा 87A छूट: 5 लाख रुपये तक की आय के लिए उपलब्ध है।
- उच्च कर दरें: व्यापक छूट और कटौती प्रदान करती हैं।
- निवेश लाभ: महत्वपूर्ण कर-बचत निवेश वाले लोगों के लिए फायदेमंद।
सही कर व्यवस्था चुनने के लिए विशेषज्ञ सुझाव
कर पेशेवर सलाह देते हैं कि कर व्यवस्था चुनने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का गहन मूल्यांकन करें, जिसमें कर योग्य आय, संभावित कटौती और उपलब्ध छूट शामिल हैं। नई कर व्यवस्था विशेष रूप से कम बचत और निवेश वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है, जबकि पुरानी व्यवस्था उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है जो विभिन्न कर-बचत साधनों के माध्यम से कटौती को अधिकतम कर सकते हैं।
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि “7 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए, नई कर व्यवस्था सीधी और फायदेमंद है क्योंकि इससे कर देयता शून्य हो जाती है।”
विभिन्न वित्तीय स्थितियों के लिए कौन सी व्यवस्था अधिक फायदेमंद हो सकती है
कम आय वाले:
यदि आपकी आय न्यूनतम कटौती के साथ 7 लाख रुपये तक है, तो नई व्यवस्था सरलता और शून्य कर देयता प्रदान करती है।
निवेश वाले उच्च आय वाले:
यदि आपके पास कर-बचत साधनों में महत्वपूर्ण निवेश है, तो पुरानी व्यवस्था आपकी कर योग्य आय को प्रभावी रूप से कम कर सकती है।
कर व्यवस्था चुनने के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
- अपनी आय का आकलन करें: आपकी कुल आय कितनी है, इसका निर्धारण करें। इसमें वेतन, ब्याज, किराया, आदि शामिल हैं।
- कटौती और छूट की गणना करें: धारा 80C, 80D, 80E, आदि के तहत आप किन कटौतियों का लाभ उठा सकते हैं, इसका मूल्यांकन करें।
- दोनों व्यवस्थाओं के तहत कर देयता की तुलना करें: पुरानी और नई व्यवस्था के तहत कर देयता की गणना करें।
- लाभ और हानि का मूल्यांकन करें: देखें कि कौन सी व्यवस्था आपके लिए अधिक फायदेमंद है। इसमें दीर्घकालिक वित्तीय योजना भी शामिल होनी चाहिए।
- कर पेशेवर से सलाह लें: यदि आप अभी भी असमंजस में हैं, तो कर पेशेवर से सलाह लें।
उदाहरण
अजय की कहानी:
अजय की सालाना आय 8 लाख रुपये है और उसके पास 1.5 लाख रुपये की धारा 80C के तहत बचत है।
- पुरानी व्यवस्था:
- आय: 8,00,000
- कटौती: 1,50,000 (80C)
- कर योग्य आय: 6,50,000
- कर देयता: लगभग 46,800 रुपये (सरचार्ज और सेस को शामिल करके)
- नई व्यवस्था:
- आय: 8,00,000
- कटौती: कोई नहीं
- कर योग्य आय: 8,00,000
- कर देयता: लगभग 46,800 रुपये (सरचार्ज और सेस को शामिल करके)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. क्या मैं हर साल कर व्यवस्था बदल सकता हूं?
हां, वेतनभोगी करदाता हर साल अपनी कर व्यवस्था बदल सकते हैं। हालांकि, अन्य करदाता हर पांच साल में एक बार ही बदलाव कर सकते हैं।
2. नई कर व्यवस्था में कौन-कौन सी कटौतियां नहीं मिलतीं?
नई कर व्यवस्था में 80C, 80D, 80E, HRA, LTA, आदि की कटौतियां उपलब्ध नहीं होतीं।
3. क्या नई कर व्यवस्था में NPS में निवेश पर कोई लाभ है?
नई कर व्यवस्था में NPS के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की कटौती उपलब्ध नहीं है।
4. क्या मुझे नई कर व्यवस्था चुननी चाहिए अगर मेरी आय 7 लाख रुपये से कम है?
हां, अगर आपकी आय 7 लाख रुपये तक है, तो नई कर व्यवस्था अधिक फायदेमंद है क्योंकि इससे आपकी कर देयता शून्य हो जाएगी।
5. पुरानी कर व्यवस्था किसके लिए फायदेमंद है?
पुरानी कर व्यवस्था उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो विभिन्न कर-बचत साधनों के माध्यम से अधिकतम कटौती प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए ITR दाखिल करते समय सही कर व्यवस्था का चयन करना महत्वपूर्ण है। आपकी वित्तीय स्थिति, बचत और निवेश के आधार पर, आपको यह तय करना होगा कि कौन सी व्यवस्था आपके लिए सबसे उपयुक्त है। सही निर्णय लेने के लिए, उपरोक्त बिंदुओं का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन करें और आवश्यकतानुसार कर पेशेवर से सलाह लें। दोनों व्यवस्थाओं के लाभ और हानि को समझकर, आप अपने कर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और अपनी बचत को अधिकतम कर सकते हैं।